shweta soni

Add To collaction

मैं बदल गई हूं ...

मैं पहले क्या थी और अब क्या हो गई हूं

मैं पहले से काफी , बदल गई  हूं । 

मैं पहले चुप रहती थी अपने 
आप में ही गुम रहती थी । 

कोई कुछ कह भी दे तो 
पलट कर जवाब ना देती थी । 

पर अब मैं पहले जैसी ना रही 
समय के साथ मैं भी बदल रही । 

मैं भी ग़लत को ग़लत और 
सही को सच कहना सीख गई । 

पहले हर काम सलीके से करती थी 
पर अब मैं थोड़ी बेतरतीब सी हो गई हूं । 

मैं पहले दूसरों के लिए जीती थी 
पर अब मैं अपने लिए जीती हूं । 

जहां मैं पहले चुप सी रहती थी 
अब हर बात में खुल कर हंसना सीख गई हूं ।

सच ही है अब पहले जैसी ना रही 
मैं पहले से काफी बदल गई हूं । 

# लेखनी 
# दैनिक प्रतियोगिता हेतु "स्वैच्छिक" कविता

श्वेता सोनी
रायपुर ( छ . ग .)

   18
14 Comments

Chetna swrnkar

24-Aug-2022 12:16 PM

परिवर्तन संसार का नियम है, तो कुछ बदलाव जरूरी भी है जिंदगी में 👌👌👌

Reply

Mithi . S

23-Aug-2022 01:27 PM

Behtarin rachana 👌

Reply

Seema Priyadarshini sahay

23-Aug-2022 10:09 AM

बहुत खूबसूरत

Reply